बस इतना कर दो श्री राम

 
बस इतना कर दो
श्री राम

तुम तो हो जग के संचालक
दुखियों के तुम कष्ट निवारक
अपनी छाया ऐसी राखो
लगे न कोई घाम

मैं केवल छोटा-सा बालक
बस तुम ही हो मेरे पालक
प्रभू मुझे ऐसा वर दो कि
करूँ मैं अच्छे काम

सतकर्मो की पूँजी कर लूँ
राम नाम की झोली भर लूँ
तेरा सुमिरन ऐसा जिसमें
लगे न कोई दाम

तुमने लाखों पापी तारे
मेरी बार क्यों बाजी हारे
मेरे रोम रोम में बसते
तुम मेरे भगवान

मेरे पास न पुण्य की पूँजी
वही कहा जो हमको सूझी
दीन दुखी की सेवा ही हों
मेरे चारोधाम

आशीष तिवारी
२२ अप्रैल २०१३

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