सज गयी है अयोध्या

 
  सज गयी है अयोध्या बजे राम धुन
चित्रकारी सुभग देख कर हो सगुन

आ गयी वह घड़ी राम ने जो चुनी
राम जी खुश हुए प्रार्थना है सुनी
दीप लाखों जले राम के ही लिए
राम मंदिर बने देखने को जिए

और सुंदर सुसज्जित लगे स्वप्न बुन
सज गयी है अयोध्या बजे राम धुन

जन्म से मृत्यु तक राम ही राम है
हर जगह गूँजता राम का नाम है
मुक्ति मिलती उसे अंत जो नाम ले
पाप सारे मिटें हाथ जो थाम ले

राम की हो कथा गर्व से रोज सुन
सज गयी है अयोध्या बजे राम धुन

सब शपथ ले रहे राम के नाम की
है प्रतिष्ठा बड़ी राम के काम की
राम के नाम से चल रही रीति है
प्राण जाए भले पर वचन नीति है

छोड़ सब देवता आज तू राम चुन
सज गयी है अयोध्या बजे राम धुन

-- कामिनी श्रीवास्तव 'कीर्ति'
१ अप्रैल २०२४

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