चैत्र नवमी

 
  झोली में उपहार अनूठे
भरकर लाया है
खुशियाँ ले नव भोर, नवल
संवत्सर आया है

गयी अमावस चैत्र शुक्ल की
पड़वा मिति आयी
पकीं बालियाँ स्वर्णिम बेला
कटनी तिथि आयी
मची धूम खेतों में उत्सव
हर्षित चरवाहे
हर किसान के परिजन खुश हैं
संकट इति आयी

करने जग खुशहाल
समय यह अवसर लाया है

योग ग्रह-नक्षत्र जुड़े शुभ
अब अपनी बारी है
कर्म किये हैं शुभ तो
जन फल का अधिकारी है
नों दिन तक तप करें
देवियाँ पूजी जायेंगीं
नवमीं को प्रभु राम
जनम दिन की तैयारी है

प्रमुदित है सब अवध
धरा कुल दिनकर आया है

सत्कर्मों को करें मार्ग
प्रभु का अपनाएँगे
ऋद्धि-सिध्दि धन शुभ फल
मंगल हम पा जाएँगे
चौक पूर वन्दनवारे
हर द्वार आरती है
होम-धूप नैवेद्य दीप धर
भोग लगाएँगे

चहुँ दिश मंगलचार
वर्ष यह सुन्दर आया है

- हरिवल्लभ शर्मा 'हरि'
१ अप्रैल २०२०

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