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पिता के लिये
पिता को समर्पित कविताओं का संकलन
 

 

मीठा फल हमने खाया

ताप सहे खुद
हम सबको सिरजी शीतल छाया।
बाग लगाये तुमने
मीठा फल हमने खाया

जिये समय प्रतिकूल
परिस्थितियाँ विपरीत सहीं
जग बिफरा पर तनिक
नीति-पथ से तुम डिगे नहीं
शक्ति आत्म की प्रबल
भले ही है दुबली काया

बढ़कर गोवर्धन धारे
जब मौसम हुये विरुद्ध
तुम ही सारथि बने
जिताने को जीवन का युद्ध
जहाँ निहत्थे हुये
ढाल सा वहीं तुम्हें पाया।

लोभ लाभ में पड़
उजले आचार नहीं खोये
बरती मर्यादा
हममें शुचि संस्कार बोये
पुण्य तुम्हारे हैं
न पड़ा हम पर दुःख का साया

- कृष्ण नन्दन मौर्य
१५ सिंतंबर २०१४

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