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रंग में है जहाँ

 

  रंग!
तुम अबोल हो,
फिर भी
सब बोल जाते हो
तुमसे लोगों की पसंद है मुखर
तुम हमेशा साथ हो
कपड़ों के, फूलों के, भावों के रूप में
तुम्हारे बिना ज़िंदगी
कोई ज़िंदगी है भला?
बदरंग होती ज़िंदगी को
तुम्हीं बचाए हो, जिलाए हो।
तुम कभी
जुदा मत होना,
यही है आरजू।
मानोगे ना!

-मधुलता अरोरा

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