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फाग जोरदार

 

  भंग छनी संग छनी फाग ज़ोरदार
गुझिया शक्करपारे
तलकर फूले सारे
डालडा घी में बेलाग ज़ोरदार

लस्सी की हुक्के की
रोटी पर मक्के की
मक्खन और सरसों का साग ज़ोरदार

चनिया और चोली के
ठठ्ठे ठिठोली के
हुल्लड़ के होली के राग ज़ोरदार

अंग अंग और ठौर
रंगों से सराबोर
मनचले टेसू के भाग ज़ोरदार

अल्हड़ अलबेली वो
रंगों से खेली वो
अपना तो डोला बैराग ज़ोरदार

रंगों की तेज़ धार
अंगिया के आर पार
पानी ने सुलगाई आग ज़ोरदार

गीली हो घबराई
हुलसी हर हर आई
गालों पर लाली के दाग ज़ोरदार

गले मिले जन जन से
साली से समधन से
हेठी पर जीता अनुराग ज़ोरदार

-राजीव रत्न पराशर

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