दो क्षणिकाएँ
होली के दिन नेताजी ने इतनी पी ली भांग अच्छे-भले बैठे थे दरी पर कुर्सी की करने लगे माँग।
असलियत
होली खेलने के बाद नेताओं ने जब अपना चेहरा धोया तो वे आश्चर्य से भर गए काला रंग चढ़ा रहा बाकी सब उतर गए
-महेश मूलचंदानी
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