जिन्दगी ही पाठशाला है
उम्रभर विद्यार्थी रहेंगे हम-
जिन्दगी ही पाठशाला है
जन्म से माँ बाप ने चलना सिखाया
तोतले भावार्थ में ढलना सिखाया
गलतियों पर कुछ तमाचों की सजा ने
धूप को बर्दाश्त करना भी सिखाया
बचपने वाली गुरूओ की सजा
ने -
ये सुखद व्यक्तित्व ढाला है
क्या बुरा है क्या भला ये भेद जाना
आस्था का सार्वभौमिक वेद जाना
कुछ पौराणिक कथाओं ने है बताया-
भेद शत्रु और मित्रों का सिखाया
दी समझ की दृष्टि ताकि समझ
पाये-
ये सुखद है या मसाला है
किन बुज़ुर्गों की दुआ का फल मिलेगा
एक आदर्शी प्रथा का कल मिलेगा
जिन्दगी को यदि सुखद पल भी मिलेगा
आदमी तो प्रगति की सीढ़ी चलेगा
पाठशाला उम्र को यह पाठ
देगी-
राह में कितना उजाला है
- कृष्ण भारतीय
१ सितंबर २०२४ |