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         खुशहाल पतंगें

 
मनमौजी, खुशहाल पतंगें
नाचे नौ-नौ ताल पतंगें

रंग बिरंगी, छैल छबीली
लगती मालामाल पतंगें

खड़े शिकारी चौक चौक पर
रखना बहुत सँभाल पतंगें

जुड़ी गाँठ माँझे से तो फिर
जा पहुँचीं ससुराल पतंगें

नभ पर चढ़ इतराकर अपना
बतलाती हैं हाल पतंगें

साथ हवा के देखो कैसे
बदलें पल पल चाल पतंगें

जब तक साथ निभाए मांझा
करतीं खूब कमाल पतंगे

टूटे जब माँझे से रिश्ता
हो जातीं बेहाल पतंगे

- रमा प्रवीर वर्मा
१ जनवरी २०२३

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