नया साल 2008
ये नया साल देखो चला आ रहा
मुस्कराकर पुराना चला जा रहा।
बीत कर जो गया वो हमारा था कल
आज खुशियाँ समेटे नया आ रहा।
है खुशी का नज़ारा यहाँ हर तरफ़
खिलखिलाहट सभी को सुनाता रहा।
घूँट खुशियों के पीता रहा हर कोई
गीत खुशियों भरे दिल ये गाता रहा।
है फिजाँ शोख उसमें है शामिल खुशी
जाम से जाम है वक्त टकरा रहा।
हो मुबारक खुशी, अलविदा ग़म तुम्हें
दिल दुआओं को देवी है छलका रहा।
देवी नागरानी
1 जनवरी 2008
|