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नए साल में क्या बदलेगा
 
तुमको क्या लगता है साधो
नए साल में क्या बदलेगा?

उजड़े हुए गाँव के बाहर
झुलस रहा पीपल का बिरवा
जूठे पत्तल शहर चाटने
चले गए सब चिरई चिरवा
लौट आये वापस फिर सुग्गा
क्या ऐसा मौसम बदलेगा?

सहमी सी रहती जो मैना
क्या वो खुल कर गा पाएगी
या फ़िर नए साल में भी वो
अपने पंख नुचा आयेगी
बाजों की पंचायत में अब
खापों का क्या सुर बदलेगा?

'रामचंद्र' कहता, 'अब्दुल' कुछ
छुपा छुपा कर प्लान बनाता
'अब्दुल' कहता, 'रामचंद्र' क्यों
जोर जोर से शंख बजाता
'रामचंद-अब्दुल' के मन का
खतरनाक संशय बदलेगा?

- डॉ प्रदीप शुक्ल
२९ दिसंबर २०१४

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