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नया वर्ष मंगलमय हो
 
अच्छे दिन जल्दी आ जायें
कुछ वादे पूरे हो पायें
स्वच्छ, सुखद
हर एक दृश्य हो

फूलें-फलें सभी के सपने
अपने, बने रहें बस अपने
सत्य कथन की
सदा विजय हो

बचा रहे बच्चों का बचपन
थोड़ा और बढ़े संवेदन
मन में नहीं
किसी का भय हो

कविताओं में जन-पीड़ा हो
छन्दों में न शब्द-क्रीड़ा हो
कथ्य सहज हो
यति-गति-लय हो
नया वर्ष मंगलमय हो।

- डा. जगदीश व्योम
२९ दिसंबर २०१४

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