अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

धवल नवल वर्ष
 

स्वागतम सहर्ष लिखें,
धवल-नवल वर्ष लिखें !

सुख, वैभव, प्रमुदित मन
सुमधुर उत्कर्ष लिखें !

गुजर गया, गया साल
पल, क्षण, संघर्ष लिखें !

चपल-चतुर आश्वासन
अब न हो विमर्श लिखें !

स्वाहा हो भ्रष्ट तंत्र,
मंहगाई, अपकर्ष लिखें !

उठे फर्श से सूरज
छू ले जो अर्श लिखें !

- विश्वंभर शुक्ल
५ जनवरी २०१५

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter