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नये साल में
 
सितारों की महफ़िल में हम आयें जायें
नये साल में कुछ नया कर दिखायें

हकीक़त की राहें बड़ी संगदिल हैं
इन्हीं से गुज़र आज मंज़िल को पायें

उमंगों भरी जिन्दगी अपनी होगी
भुलाकर सभी गम ख़ुशी को बुलायें

सदाएँ पुरानी पुकारें सभी को
जो यादें सुहानी हों दिल में बसायें

जमाना किसी का कहाँ कब हुआ है
चलो हम ज़माने को अपना बनायें

अमित कुमार दुबे
३० दिसंबर २०१३

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