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आगम नूतन वर्ष का
 

आगम नूतन वर्ष का
हर दिन पावन हो

आलक्तक रंजित पावों से
आए उषा की लाली
खुशियों से सुरभित हो जाए
मन की हर इक डाली
सभी सुखी हों,
सभी स्वस्थ हों
प्रमुदित आँगन हो

दूर निराशा के घेरों से
जन-मानस हो जाए
शांति-बंधुता बनी रहे
सुख का पावस हरषाए
दुःख के दूर
प्रभंजन हों
मुकुलित आनन हो

--विजय पुष्पम पाठक
३१ दिसंबर २०१२

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