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नये
साल में कामना |
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नये वर्ष की आ गई शीतमयी जब भोर
फैल गया शुभकामना, का चहुँ दिस में शोर॥
नया वर्ष फिर आ रहा, लिये संग में शीत,
मिलो गर्मजोशी लिये, छेड़ मिलन के गीत॥
अशुभ मानते हैँ सभी, यों तेरह का अंक,
सब मिल इसको शुभ करें, राजा हो या रंक॥
कुछ घटनाएँ कर गया, गया साल बेहाल,
फिर से ऐसा ना घटे, आने वाले साल॥
नये साल में कामना, रहें सभी खुशहाल,
बढते भ्रष्टाचार को, आकर निगले काल ॥
--शरद तैलंग
३१ दिसंबर २०१२ |
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