पूरा अपना चक्र कर, आया अब
नव वर्ष
आओ मिल स्वागत करें, खूब मनाएँ हर्ष
खूब मनाएँ हर्ष, विगत बातों को भूलें
नए जोश के साथ, सुधारें जो थी भूलें
परहित का वो काम, करें जो रहा अधूरा,
आया है नव वर्ष, चक्र कर अपना पूरा।
पूरी हों सब कामना, सभी
दुखों का अंत
मन में हो सद्भावना, खुशियाँ मिलें अनंत
खुशियाँ मिलें अनंत, आय घर-घर खुशहाली
हो पूरित धन-धान्य, भरी हो सब की थाली
रोटी वस्त्र मकान, नहीं हों आस अधूरी
बड़े शहर या गाँव, मिलें सुविधाएँ पूरी
दस्तक दी नव वर्ष ने, विदा पुराना साल
बिसरें बीते वक्त को, यादें मधुर सँभाल
यादें मधुर सँभाल, करें नवयुग का स्वागत
फैली हो सुख शांति, टले दुर्भाग्य अनागत
हों विचार शुभ कर्म, शर्म से झुके न मस्तक
हो नारी का मान, समय ने दी है दस्तक
--ज्योतिर्मयी पंत
३१ दिसंबर २०१२ |