|| १ ||
साल का आख़िरी दिन है,
आओ हिसाब कर लें,
तुम्हारी कितनी मुस्कुराहटें मेरे पास हैं,
एक छुअन भी है...
एक वादा भी
(कि तुम कभी नही भुलोगी मुझे)
सब रख लो...वादा मेरे पास ही रहने दो....
नए साल का तोहफा जानकर...
|| २ ||
लैंप-पोस्ट की रौशनी में
भी,
बहुत काली है आज की रात...
वो तारा,
जिसमें मैं तुम्हे देखता था,
आज टूट कर गिरा है....
-निखिल आनंद गिरि
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