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नव वर्ष अभिनंदन

नव वर्ष की पहली किरण

         

खुशियों भरा संसार दे, नव वर्ष की पहली किरण
आनंद का उपहार दे, नव वर्ष की पहली किरण
दुनिया की अंधी दौड़ में, कुछ दिल्लगी के पल मिले
सबको ही अनुपम प्यार दें, नव वर्ष की पहली किरण

जर्जर हुए बदले अधर, नव वर्ष की पहली किरण
नव चेतना, दे नया स्वर, नव वर्ष की पहली किरण
अब आ चढ़ें नव कर्म रथ पर हर चिरंतन साधना
इस बुद्धि को कर दे प्रखर, नव वर्ष की पहली किरण

सबको अटल विश्वास दे, नव वर्ष की पहली किरण
नव देह में नव श्वास दे, नव वर्ष की पहली किरण
इस अवनि तल पर उतरकर, अब कर दे रौशन ये फिज़ा

उल्लास ही उल्लास दे, नव वर्ष की पहली किरण

अब आ रही है मनोरम, नव वर्ष की पहली किरण
यह चीरती अज्ञान तम, नव वर्ष की पहली किरण
मैं छंद तुझ पर क्या लिखूँ 'अद्भुत' कहूँ इतना ही बस।
सुस्वागतम सुस्वागतम, नव वर्ष की पहली किरण

अरुण मित्तल 'अद्भुत'
1 जनवरी 2008

 

  

ऐसा हो नव वर्ष

नए वर्ष का हुआ आगमन
उल्लासित हम करें स्वागतम
है मेरी ये मनोकामना
जग में हो अब शांति स्थापना
बढ़े परस्पर भाई चारा
ऐसा हो नव वर्ष हमारा

आज यहाँ हर व्यक्ति सुखी हो
रोटी कपड़ा सिर पर छत हो
जन-जन तक हर सुविधा पहुँचे
गाँव शहर का भेद न पनपे
हरी भरी धरती उपवन हो
जीवन की हर राह सरल हो
रहे न अब दुश्मन का खतरा
बहे न कोई खून का कतरा
कभी न कोई प्रिय जन बिछड़े
गोद और सिंदूर न उजड़े

जग में न हो नरसंहार
फूले फले प्यार ही प्यार

आतंकवाद की जड़ें उखाड़ें
बम बंदूकों को अब फेंकें
देश धर्म के लिए न झगड़ें
सांप्रदायिक दंगे न भड़कें
नफ़रत से अब नाता तोड़ें

दिल से दिल का रिश्ता जोड़ें
दुख के बादल अब छट जाएँ
सुख का उजियारा छा जाए
बहे प्रेम की अविरल धारा
जिसमें रम जाएँ जग सारा
अमन शांति हो मार्ग हमारा
मानवता हो धर्म हमारा

ऐसा हो नव वर्ष हमारा

कविता सिन्हा

 

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