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नया साल गुलजार हो |
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विदा करें
इस बरस को, भुला कटुक अघात
नया साल गुलजार हो, देकर कल को मात
बीता तो भूले नहीं, अंदर गहरा पैठ
सार्थक कुछ नववर्ष में, सोचें मिलकर बैठ
बहुत कष्ट हैं सह लिए, अब तो शुभ शुभ होय
जगत सभी खुशहाल हो, रहे उदास न कोय
आगत का स्वागत करें, भूल विगत की बात
शुभ मंगलमय रश्मियाँ, लाएँ नूतन प्रात
मंगलमय जग हो सदा, सकल कुशल सब होय
मुख हरषे मुस्कान से, अब न कोइ कुछ खोय
- रेखा श्रीवास्तव
१ जनवरी २०२१ |
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