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जय हो नूतन साल की
 
पंचम सुर में राग अलापें
सोंचें ना सुर ताल की
जय हो नूतन साल की

कोई नव संकल्प लिया क्या
दिनचर्या में कुछ बदला क्या
सूरत छोड़ो, सीरत सोचो
अब भी वही कमाल की
जय हो नूतन साल की

सूरज पर भी झल्लाते हो,
आसमान तक चिल्लाते हो
नए नोट पर लिखी कहानी
जन-धन मालामाल की
जय हो नूतन साल की

ट्रेनों की गति ठंड खा गयी
कितनी जानें धुंध खा गयी
कैसे दौड़े बुलट ट्रैक पर
लाइट इअर के चाल की
जय हो नूतन साल की

पूछे कौन ख़ेत क्यों सूखे
गाँव अभी भी मरते भूखे।
कौन ख़बर ले झोपड़ियों से
उनके ख़स्ता हाल की
जय हो नूतन साल की

- भावना तिवारी       
१ जनवरी २०१७

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