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नया क्या आया
 
फिर वही हाल वही चाल, नया क्या आया?
आप कहते हैं नया साल, नया क्या आया?

उनको मिलती ही नहीं, धूप नए सूरज की
आज ग़ुरबत है फटेहाल, नया क्या आया?

जो दलित हैं, जो बिताते हैं गरीबी कैसे
हो रहे आज भी पामाल, नया क्या आया?

एक शोषित ही रहा, एक जिया शोषक बन
सोच है आज भी कंगाल, नया क्या आया?

है मिलावट भी वही, कूटकरण दौलत का
है बजारों में वही माल, नया क्या आया?

बेच ईमान रहे मुल्क से गद्दारी कर
है वही सुर औ' वही ताल, नया क्या आया?

चन्द टुकड़ों के लिए, ही जो सियासत करते
बुन रहे आज भी वो जाल, नया क्या आया?

है वही बर्फ पहाड़ों में घिरा है कुहरा
आज कश्मीर में 'हरि' हाल, नया क्या आया?

- हरिवल्लभ शर्मा 'हरि'
१ जनवरी २०१७

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