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एक गीता भर
नहीं व्यक्तित्व जिसका
भागवत से भी बड़ा है कृष्ण
वेद कहते नेति, श्रुतियां मौन रहती
अमृत का कंचन घड़ा है कृष्ण
चीखता कुरुक्षेत्र घायल कह रहा है
नीति के रथ पै चढ़ा है कृष्ण
विश्व का विष आचमन कर श्याम है जो
नाग के फन पर खड़ा है कृष्ण
एक हीरा मां यशोदा के हृदय का
गोपियों की नथ जड़ा है कृष्ण
मात्र ब्रजबाला नहीं, मुनि व्यास जैसे
पूंछते किसने गढ़ा है कृष्ण
शोधता ब्रह्माण्ड जिसको युग युगों से
गोपियों के पद-तल पड़ा है कृष्ण
-- विष्णु विराट
३० अगस्त २०१० |