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कुण्डलियाँ
     

 





 

 


 




 


(१)
कृष्ण पक्ष की अष्टमी और भादों का माह
भरत भूमि पर हुआ था चेतन पुंज प्रवाह
चेतन पुंज प्रवाह धन्य थी मथुरा नगरी
शक्ति अलौकिक तेज पुंज बनकर एक उभरी
युग प्रवर्तक कृष्ण अवतरित होकर आये
वासुदेव देवकी माता के पुत्र कहाये


(२)
उनके मामा कंस का बड़ा क्रूर था काम
वीर कृष्ण को मारने किये उपाय तमाम
किये उपाय तमाम जतन लाखों कर डाले
किन्तु पक्ष में रही गेंद कृष्णा के पाले
वो तो थे भगवान, कंस का क्या कर सकता था
विष्णु का अवदान भला कब मर सकता था


(३)
सदा सत्य के साथ में रहे कृष्ण भगवान
दिया धर्म को विजय का दुनिया को वरदान
दुनिया को वरदान बने अर्जुन के साथी
सदा जलाई धर्म दीप में सच की बाती
कुरुक्षेत्र में अर्जुन को जो ज्ञान कराया
वही संकलित ग्रन्थ ज्ञान, गीता कहलाया


(४)
एक-एक श्लोक में छुपे गूढ़ संदेश
जीवन की सच्चाई हैं गीता के उपदेश
गीता के उपदेश जिन्होंने समझे जाने
नहीं रहा कुछ शेष उन्हें दुनिया में पाने
पढ़ो रोज गीता और ओरों को पढ़वाओ
स्वयं ले गीता ज्ञान, ज्ञान घर-घर पहुँचाओ

-- पी. दयाल श्रीवास्तव
३० अगस्त २०१०

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