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सूरत सुहानी है
     

 





 

 


 




 


आँखे हैं विशाल तेरी, मतवाली चाल तेरी,
बातें हैं कमाल श्याम, सूरत सुहानी है
लेके संग ग्वाल बाल, नित ही करे धमाल,
सीधी सादी ग्वालिनों की, करे छेड़खानी है
दधि माँगता है दान, भोला बने हैं नादान,
करें परेशान उन्हें, राधा ये सयानी है
छेड़ी बाँसुरी की तान, गोपी भूली आन बान,
महारास राचने की, अजब कहानी है

छेड़ते हैं दाऊ भैया, डाँटती यशौदा मैया,
छोटी है चुटईया ये, कैसो नंदलाल है
माखन की करे चोरी, फोड़े मटकी को मोरी
नित बरजोरी मैया, संग ग्वाल बाल है
गेंद यमुना गिराता, कूद कालिंदी में जाता
कालिया को नाथा वो तो, विषधर काल है
पट ग्वालिन चुराता, चढ़ कदंब पे जाता
बाँसुरी बजाता मैया, कैसा तेरा लाल है

- हरिवल्लभ शर्मा
१८ अगस्त २०१४

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