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कहमुकरी |
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१.
उससे करूँ हृदय से प्यार,
वह मेरा जीवन आधार,
मैं हूँ उसकी प्राण प्यारी,
क्या सखि साजन ? कृष्ण मुरारी !
२.
वो तो है मेरा मन बसिया,
मुझको भी वह लागे रसिया,
प्रेम मिलन की बढ़ती तृष्णा,
क्या सखि साजन ? नहिं 'श्री कृष्णा'
३.
उसके प्रेम की अजब कहानी,
लेकिन मैं तो प्रेम दिवानी,
कैसा रोग लगा यह दैया,
क्या सखि साजन ? नहीं 'कन्हैया' !
४.
जब भी कोई मुश्किल आये,
सही मार्ग बस वो बतलाये,
उसके संग यह जीवन बीता,
क्या सखि साजन ? नहिं वह 'गीता' !
- हरिओम श्रीवास्तव
१८ अगस्त २०१४ |
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