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हे मदन मोहन
     

 





 

 


 




 


हे मदन मोहन मुरारी !
कर सकू वंदन तुम्हारा
इस तरह के
शब्द– स्वर दो।

नित्य माथे पर लगा हो
चरण रज चंदन तुम्हारा
भक्त वत्सल !
भक्ति भर दो ।

हे मदन मोहन मुरारी !
कर सकू वंदन तुम्हारा
इस तरह के
शब्द– स्वर दो।

तोड़ पाऊ मै कभी ना
यह बँधा बंधन तुम्हारा
हाँ मुझे बस
एक वर दो ।

हे मदन मोहन मुरारी !
कर सकू वंदन तुम्हारा
इस तरह के
शब्द– स्वर दो।

- अनिल मिश्रा
१८ अगस्त २०१४

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