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अवतरित होना चाहिये
     

 





 

 


 




 


आज फिर श्री कृष्ण को अवतरित होना चाहिये,
पापियों पर फिर सुदर्शन चक्र चलना चाहिये।

बढ़ रहे हैं पाप अत्याचार अब चारों तरफ,
कृष्ण की ही नीतियों का मार्ग चुनना चाहिये।

रासलीला को रचाकर प्रभु हमें बतला गये,
जिन्दगी में प्रेम का सम्मान करना चाहिये।

कर्मपथ पर ही बढ़ें आगे निरन्तर हम सभी,
लक्ष्य पर हर वक्त अपना ध्यान होना चाहिये।

पाप जब बढ़ते धरा पर जन्म लेते ईश तब,
इसलिये तो धर्म का अनुसरण करना चाहिये।

सारथी बन पार्थ के भगवान ने दिखला दिया,
सत्य का ही पक्ष बस मजबूत रहना चाहिये।

-सुरेन्द्रपाल वैद्य
२६ अगस्त २०१३

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