|
हमारे कृष्ण का जीवन |
|
|
|
चलो हम आज सब सोचें, हमारे कृष्ण का जीवन
हमें क्या क्या है बतलाता, हमें क्या क्या है सिखलाता
अगर मजबूर कोई देवकी जो पाल ना पाये
सभी उन नौनिहालों को यशोदा बन के तुम पालो
कन्हैया जैसा हर नंदन, गली कूचों में अब खेले
सुरक्षा नंद जैसी कर, अनोखी रीति तुम डालो
बनो निष्काम तुम योगी
यही है पाठ सिखलाता
अगर तुमको सखा बनना, सुदामा-कृष्ण बन जाना
हदें निज स्वार्थ की लाँघो, समर्पित कृष्ण बन जाना
सभी कुछ तुम लुटा देना, चबैना-चावलों पर फिर
सखा के पैर धोये जो, नयन जल धार बन जाना
कन्हैया तो हमेशा मित्रता के
गुण ही सिखलाता
करो तुम प्यार राधा सा, कन्हैया बन के स्वीकारो
न इसको जंग में बदलो, मुहब्बत धर्म है, प्यारो
चलो कुछ चाल तुम ऎसी, हमेशा प्रेम ही जीते
न वो तुमसे कभी हारे, न तुम उससे कभी हारो
हमेशा प्यार में देना
हमारा कृष्ण सिखलाता
बढ़ो कर्तव्य पथ पर तुम, कभी विचलित नहीं होना
पड़े कर्तव्य पालन में, तुम्हें सर्वस्व गर खोना
सभी रिश्ते, सभी नाते, भले ही टूट जायें पर
हमेशा धर्म के झंडे तले ही, तुम खड़े होना
यही संदेश देने को है
विस्तृत रूप दिखलाता
--मेघसिंह 'मेघ'
२६ अगस्त २०१३ |
|
|
|
|