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यमुना के किनारे |
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एक बार चल कर तो आओ कन्हैया
यमुना के किनारे !
देखेंगे हम भी सजती मुरलिया
ओंठ में तुम्हारे !
प्राण भेदी चितवन
एक नज़र, हम पर भी डारो,
लहरों में बनाये रेत के घरौंदे उबारो,
मीरा संग राधा आज रास तुम नाचो
साथ में हमारे!
यमुना की
लहरी में झाँके पूनम का चंदा
तुम भी निहारो कमलमुख कलियाँ डारो न फंदा
आँचल का फागुन पलाशों का फींचा
गलियाँ निहारे !
डारे कदम की
डारी हमने बाहों के झूले,
प्राणों में मेंहदी अमलतास साँस फूले,
खेलेंगे हम भी गोकुल की होली
प्रीत के सहारे !
--भोलानाथ
२६ अगस्त २०१३ |
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