जय तिरंग ध्वज लहराओ
दुर्ग और मीनारों पर
मंदिर और घर द्वारों पर
अंबर के नीले तल पर
सागर के गहरे जल परसत्य पताका फहराओ
जय तिरंग ध्वज लहराओ
मुक्ति दिवस भारत माँ का
बीता समय निराशा का
युग-युग तक मिटने के बाद
पुन: हो रहे हैं आबाद
विजय गीत सौ-सौ गाओ
जय तिरंग ध्वज लहराओ
मिटी हमारी लाचारी
अब उठने की है बारी
आओ सब मिल काम करें
सारे जग में नाम करें
जन जन मन को हरषाओ
जय तिरंग ध्वज लहराओ
- रमेश कौशिक |