अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

भारतवर्ष

यह भारतवर्ष हमारा है!
हमको प्राणों से प्यारा है!!

है यहाँ हिमालय खड़ा हुआ,
संतरी सरीखा अड़ा हुआ,

गंगा की निर्मल धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

क्या ही पहाड़ियाँ हैं न्यारी?
जिनमें सुंदर झरने जारी!

शोभा में सबसे न्यारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

है हवा मनोहर डोल रही,
बन में कोयल है बोल रही।

बहती सुगंध की धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

जन्मे थे यहीं राम सीता,
गूँजी थी यहीं मधुर गीता।

यमुना का श्याम किनारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

तन मन धन प्राण चढ़ाएँगे,
हम इसका मान बढ़ाएँगे!

जग का सौभाग्य सितारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

- सोहन लाल द्विवेदी

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter