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जन उत्सव, उत्साह-
गीत गूँजा जन-गण का
भीड़ बनाती
कई तरह के चित्र विशेषक
केरल, गोवा, त्रिपुरा
सीमाओं के रक्षक
सम्मोहित है नेत्र
दृश्य ध्वज-आरोहण का
नया एक नभ एक सूर्य
कुछ नये परिन्दे
डोर बाँधकर तोड़ रहे हैं
काले फंदे
शक्ति-प्रदर्शन-राम बाण है
हर रावण का
राणा, टीपू, शिवा, वीरता
की परिपाटी
वीर भगत, आज़ाद, आँख फिर
है भर आती
यह उत्सव हर बलिदानी के
पुण्य-स्मरण का
- शुभम् श्रीवास्तव ओम
१० अगस्त २०१५
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