मन्त्रों का पाठन
श्लोकों का गायन
यह धरती शुभ है यह धरती पावन
पर्वत के फल औ'
मैदानी फ़सलें
वन-प्रांतर हँसते
फूलों की नस्लें
यमुना का फागुन गंगा का सावन
प्यारी ऋतुओं की
न्यारी सौग़ातें
मेलों के दिन तो
उत्सव की रातें
अनुपम है सबसे संस्कृति मनभावन
कण-कण में गाथा
जनगण के श्रम की
तप की जौहर की
रण में दमख़म की
संतों की वाणी ऋषियों का दर्शन
- अश्विनी कुमार विष्णु
१० अगस्त २०१५
|