इसी के हमख़याल हम इसी के हमज़ुबान हम
वतन हमारी शान है वतन की आन-बान हम
बिखेर दे जो तोड़ दे गुलामियों की बेड़ियाँ
उसी के हक़ में फ़ैसला उसी के हक़ बयान हम
इसाई सिक्ख पारसी न हिन्दू मुसलमान हम
सबद हमीं हैं प्रार्थना हम आरती अजान हम
बहिश्त की ख़ुशहालियाँ उतार लेंगे हम यहाँ
वज़ीर हम अमीर हम मजूर हम किसान हम
मुहब्बतों के मीत हैं हम एकता के गीत हैं
अमन के पैरोकार हम जम्हूरियत की जान हम
- अश्विनी कुमार विष्णु
१७ अगस्त २०१५
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