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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 
 
धरती को नमन
 

सिख-हिंदु-मुसलमान-इसाई का कथन है
ये मेरा वतन, तेरा वतन, सबका वतन है

इस देश की धरती को मेरा कोटि नमन है
उड़ने को दिया जिसने ये उन्मुक्त गगन है

चाहूँ तो मैं आकाश के तारों को भी छू लूँ
फैलाए हुए पंख मिरे साथ पवन है

जीवों ने, वनों, नदियों, पहाड़ों ने सजाया
मानव की सृजन शक्ति ने महकाया चमन है

खेतों में फसल, मिल में जो उत्पाद बहुत हैं
खुशहाल हुआ देश तो दुनिया को जलन है

भाई को लड़ा भाई से 'कुरुक्षेत्र' बना दे
दुनिया में सियासत का 'नया' ऐसा चलन है

ये मेरा वतन, तेरा वतन, सबका वतन है
इस देश की धरती को मेरा कोटि नमन है

- वी.सी. राय 'नया'
११ अगस्त २०१४


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