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मेरा भारत
विश्वजाल
पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन
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वह है अपना देश
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१.
हम धन्य हुए अति गर्व किया जनमे जब से इस भारत में
बहती अति पावन गंग यहाँ यमुना, सरयू सरि भारत में
यह देश रहा अति वीर सखे ! इतिहास कई इस भारत में
गिरिराज हिमालय पर्वत-सा प्रहरी रहता इस भारत में
२.
सब वीर यहाँ पर धन्य हुए यह भूमि महा बलिदानि सखे
यहँ रामलला, बलराम समेत अनेक महा जन जन्म सखे
सुखदेव हुए सरदार हुए इनको करते सब प्यार सखे
इनका बलिदान न व्यर्थ गया यह जानत हैं सब यार सखे
३.
जब से यह देश स्वतंत्र हुआ कुछ खास नहीं बदला इसमें
सब आज वही करते धरते जब देश गुलाम रहा इसमें
सब बोल रहे अँग्रेज लगें, हिन्दी लगती लुटती इसमें
गर देश सही आजाद हुआ तब सिर्फ रहे हिंदी इसमें
४.
यह देश सदा खुशहाल रहे बगिया महके इस भारत की
मनते सब तीज-तुहार यहाँ किस भांति कहूँ इस भारत की
मनभावन सावन आवत ही खिलती कलियां इस भारत की
बिकती रखियां अति नेह पगीं, सखियां समझें सब भारत की
- पवन प्रताप सिंह 'पवन'
११ अगस्त २०१४ |
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