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आजादी का जश्न है, आई उनकी याद
जिनके चिर संघर्ष से, देश हुआ आजाद
यों तो सबके खून का, रंग बंधु है लाल
अलग ज्वाल उस रक्त की, जिससे जली मशाल
जश्न मग्न है देश यह, चौकस खडा जवान
सीमा पर प्रहरी बना, सीना अपना तान
आओ इस शुभ पर्व पर, लें ऐसा संकल्प
त्यागें अपने स्वार्थ को, कर दें कायाकल्प
खून, डकैती, गुंडई, इज्जत की जो लूट
यह आजादी बंद हो, हों हम तभी अटूट
दहशतगर्दी देश को, कर न सके बरबाद
खून शहीदों का बहा, रहे सदा यह याद
प्यारे भारत का रहा, अनुपम वैभव वेश
शान्ति, अहिंसा, स्नेह का, दिया मधुर संदेश
थे अतीत के गर्भ में, रत्न कई अनमोल
वेद, शास्त्र का रख दिया, ज्ञान पिटारा खोल
ध्वज तिरंग लहरा रहा, सबके नव परिधान
देश प्रेम के पर्व में, पुलकित हिंदुस्तान
शिक्षा पाये हर कोई, मिले सभी को काम
आजादी का तब मजा, अंतर मिटें तमाम
-ओम प्रकाश नौटियाल
११ अगस्त २०१४
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