|
अपमानित सा अवमानित सा
नहीं रहेगा विश्व-पटल पर
देश हमारा
अब सन्तति ने स्वाभिमान की
अंगड़ाई ले सीख लिया है उत्तर देना
नहीं दबंगों की करतूतों को आगे से
चुप-चुप रह कर
झुक कर सहना
ना कोई भ्रम हम हैं सक्षम
नहीं सहेगा झूठे बंधन
देश हमारा
संयम कमजोरी नहिं समझें
दुनिया के सिरमौर बने जो ताकत वाले
दम्भ नहीं यह, यह गौरव है जिसे बचाने
जुटे प्राण प्रण से मतवाले
हम सीमित हैं मर्यादित हैं
नहीं कहेगा कभी अनैतिक
देश हमारा
- जगदीश पंकज
११ अगस्त २०१४
|