आजादी का जश्न है
खोल दें बंधन हर परिंदे का
ध्यान रखें हर बाशिंदे का
आजादी का जश्न है
उबरें हर निराशा से
जुड़ें अपनी भाषा से
आजादी का जश्न है
ढालें खुद को हर परिवेश में
करें तरक्की अपने देश में
आजादी का जश्न है
छोड़ें ओछी मानसिकता
भरें नवाचार से रिक्तता
आजादी का जश्न है
हों आज़ाद खुद से
बचें रास्तों के अवरुद्ध से
आजादी का जश्न है
आओ जोशो जुनून जगाएँ
प्रेम के घर घर दीप जलाएँ
-सुजाता शुक्ला
१२ अगस्त २०१३
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