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शुभ दिन आया साथियों, आज तिरंगे संग।
गहरे भाव प्रतीक हैं, झंडे के ये रंग।
झंडे के ये रंग, कहे केसरिया हमसे,
बलिदानों ने मुक्त,किया भारत को तम से।
श्वेत शांति का दूत, हरे सँग खुशियाँ हर दिन।
चक्र रखे गतिमान, मुबारक सबको शुभ दिन।
लहराएँगे शान से, आज तिरंगा तान।
इस दिन मिली स्वतन्त्रता,साथ पूर्ण सम्मान।
साथ पूर्ण सम्मान, बहुत यह दिन पावन था,
नई भोर के साथ, उगा था सूर्य अमन का।
देश प्रेम के गीत, पुनः गाए जाएँगे,
भक्ति भाव के साथ, तिरंगा लहराएँगे।
अंतर्ज्वाला देश को, जला रही है आज।
अपने ही सिर देखना, सभी चाहते ताज।
सभी चाहते ताज, देश के लिए न कोई।
सिर्फ स्वार्थ के गीत, गा रहा देखें वो ही।
कहे ‘कल्पना’ मीत! सभी को मिले निवाला,
स्वर्ग बनाएँ देश, बुझाकर अंतर्ज्वाला।
भूल न जाएँ आज हम, वीरों के बलिदान।
आज़ादी के वास्ते, किए निछावर प्राण।
किए निछावर प्राण, क्रांति के अंकुर रोपे,
माँ की गोद उजाड़, तत्व निज, माँ को सौंपे।
कहे कल्पना दीप, याद का पुनः जलाएँ,
वीरों के बलिदान, आज हम भूल न जाएँ।
कल्पना रामानी
१२ अगस्त २०१३
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