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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 

माँ जन्मभूमि सबकी


माँ जन्मभूमि सब की
शान विविधता में
भाषा औ' मजहब की


सोने की ये चिड़िया
फिर परवाज भरे
होवे सुख की पुड़िया


वीरों की क़ुरबानी
याद रहे दिल में
भर आँखों में पानी


नित शीश कटाते हैं
सीमा पर प्रहरी
हम शीश नवाते हैं


भारत के जयकारे
होंगे तब सच्चे
जन भूख से न हारें


आतंकों का साया
चैन नहीं पल भर
हर जन है घबराया


जिसकी महिमा गाते
वेद पुराण सभी
हे जन्भूमि ! माते

ज्योतिर्मयी पंत
१२ अगस्त २०१३


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