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हर रिश्ते से पहले बेटा
मैं भारत माँ का कहलाऊँ,
है अभिलाषा मेरी इतनी
माँ की सेवा कुछ कर जाऊँ
क्या जात धरम मालूम नहीं
किस प्रान्त का हूँ क्या बतलाऊँ,
मैं भारत माँ का बेटा हूँ
बस हिन्दुस्तानी कहलाऊँ
मैं स्वार्थ भुला दूं अपने सब
परमार्थ के पथ को अपनाऊँ,
हित नहीं राष्ट्र से बढ़कर कुछ
कोशिश कर सबको समझाऊँ
भ्रष्ट नहीं है कोई भारत में
सदाचारी है सब कह पाऊँ
सोने की चिड़िया का वासी
जग में वापस मैं कहलाऊँ
गाँधी जी का अनुयायी बन
उनके पथ पर चलता जाऊँ,
कोशिश कर उनके सपनो को
साकार बना कर दिखलाऊँ
जो अमर शहीद हैं भारत के
उनको न भूल कभी पाऊँ
और रक्षा में भारत माँ की
मरना हो हँस कर मर जाऊँ
-- वीरेश कुमार अरोड़ा
१३ अगस्त २०१२
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