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मेरा भारत
विश्वजाल
पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन |
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हम लौटें कल या न लौटें
वीर
सैनिकों का देशवासियों के प्रति आश्वासन |
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ऐ हिमालय की सर्द हवाओं
इक संदेश मेरा पहुँचा देना
है देश सुरक्षित इन हाथों में
यह बात उन्हें बतला देना ।
वीरत्व सुना था लोरी में
अमरत्व मिला था झोली में
*ज़ोरावर ने जो रणघोष किये
वो गूंज रहे हर टोली में
अब लोहा लेना दुश्मन से
यह बात उन्हें बतला देना
रग-रग में माँ का दूध मेरे
हर साँस में खेत की गन्ध मेरे
जन - जन का स्नेह है संग मेरे
बाँधी है जो हाथ में बहनों नें
राखी का वो धर्म है याद मुझे
यह बात उन्हें बतला देना
वीर अर्जुन हैं आदर्श मेरे
उपदेश** कृष्ण के संग मेरे
शत्रु कितने भी वार करे
माँ की ममता कवच बने
संग देश का आशीर्वाद मेरे
यह बात उन्हें बतला देना
हम सीना ताने बढ़ते हैं
जय घोष देश की करते हैं
सब भूख प्यास भुला कर अब
हम सीमा रक्षा करते हैं
शत्रु के लिये महाकाल बनें
यह बात उन्हें बतला देना
हम लौटें कल या न लौटें
न आँच तिरंगे पर आयेगी
इस मातृ भूमि के चरणों में
चाहे जान हमारी जायेगी
है अमरत्व का वरदान मुझे
यह बात उन्हें बतला देना !
यह बात उन्हें बतला देना!
-शशि पाधा
१३ अगस्त २०१२
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हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्
,जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्
तस्मात् उतिष्ठ कौन्तेय युद्धाय
कृतनिश्चय:
*जनरल जोरावर सिंह -१८३४ में
कारगिल और लद्दाख खेत्र में विजय
प्राप्त करने वाले वीर सेनापति
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