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मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

 

चुप नहीं बैठेंगे हम

हो वतन की आँख गर नम, चुप नहीं बैठेंगे हम
अब न होने देंगे मातम, चुप नहीं बैठेंगे हम

सरफ़रोशी का वो जज़्बा, अब भी अपने दिल में है
खौलता है खून हरदम, चुप नहीं बैठेंगे हम

घर के भेदी, घर के अंदर, दुश्मनों के साथ हैं
वक़्त अब दुश्मन का है कम, चुप नहीं बैठेंगे हम

अब शहीदों की चिताओं पर सियासत बंद हो
अब न होने देंगे ये हम,चुप नहीं बैठेंगे हम

अब नहीं बोले तो मिट जायेगा ये प्यारा वतन
फिर न दहशत का हो आलम, चुप नहीं बैठेंगे हम

हम"ख़याल" आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहना हमें
सह लिए हमने कई गम, चुप नहीं बैठेंगे हम

सतपाल खयाल
१३ अगस्त २०१२


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