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मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

 

भारत लेकर आस

स्वाती को चातक तके, तकता चाँद चकोर
भारत लेकर आस "माँ", देखे तेरी ओर

जिनके बोलें कर्म ही, ओज भरी आवाज़
ऐसे दीपित से रतन, जनना जननी आज

कुछ झाँसी की रानियाँ, वीर शिवा सम पूत
अभी और भी चाहिये, पूर्ण क्रान्ति के दूत

गाँधी और सुभाष हों, भगत सिंह, आज़ाद
बस ऐसी सन्तान से, हर घर हो आबाद

दिल में दया, उदारता, और लहू में जोश
कितनी विपदाएँ पडें, कभी न खोयें होश

--ज्योत्स्ना शर्मा
१३ अगस्त २०१२


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