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मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

 

देश के साथ यात्रा

आओ मेरे देश
एक दीप की तरह
ज्योतित होकर
साथ चलो मेरे क्योंकि
कोई इंतज़ार नहीं करता
तारीखों के ठहर जाने का
हम साथ होंगे तो
देश के लिए
इतिहास बनायेंगे
जहर का प्याला पीकर
देश के लिए
अमृत जुटाएँगे
फिर मूक हो जाएँगे
ताकि देश गा सके
विश्वास के गीत
आस्था और
सदभाव के गीत
हम चलते चले जायेंगे
दूर की यात्राओं में
साफ़ सुथरी
सुबह की तरह
गुजर जायेंगे
अंधी सुरंग से
रोशनी की हवा लेकर
जरुरत हुई तो
अंधे हो जायेंगे ताकि
देश को नेत्र मिलें
प्रतीक्षा करेंगे
मौत की
देश को जिलाने में
आओ मेरे देश
साथ चलें
एक दीप की तरह
ज्योतित होकर !

डॉ सरस्वती माथुर
१३ अगस्त २०१२


   

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