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ममतामयी
विश्वजाल पर माँ को समर्पित कविताओं का संकलन

 

ममता की मूरत

 

क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी

पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी

बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत थी

सच कहते हैं माँ हमको
तेरी बहुत ज़रूरत थी

- मंगल नसीम


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