हे माँ दुर्गे! करूँ वन्दना
भू पर आओ करो गर्जना
नयनों से हर ओर निहारा
फैल रहा है जग अँधियारा
देवि! देख लो यह परिवर्तन
अधम, असुर करते हैं नर्तन
दुष्टों की तुम ही संहारक
कष्टों से तुम ही उद्धारक
निर्भयता की करो सर्जना
भू पर आओ करो गर्जना
हे माँ दुर्गे! करूँ वन्दना।
असुरों का मर्दन करना है
जग में मंगल भी भरना है
रक्तबीज धरती पर पाओ
माँ अपना ले खप्पर आओ
दुष्टों को फिर से संहारो
अपनी संतानों को तारो
दुःखभंजनि हो माँ दुःख हरना
भू पर आओ करो सर्जना
हे माँ दुर्गे! करूँ वन्दना
मन से लोभ हटा दो मैया
नारी-शक्ति बढ़ा दो मैया
बुद्धि, कीर्ति, यश की तुम दानी
करो कृपा मैं हूँ अज्ञानी।
महिषासुर मर्दिनी आप हैं
जग कल्याणी हरें पाप हैं
आद्य शक्ति मैं करूँ अर्चना
भू पर आओ करो गर्जना
हे माँ दुर्गे! करूँ वन्दना
- सन्तोष कुमार सिंह
१५ अक्तूबर २०१५ |