माँ!
शक्ति हमें दे
भक्ति हमें दे
चरणों में आसक्ति हमें दे।
माँ!
अंतर्मन का अंधकार हर
बहा ज्ञान-गंगा की धारा
हो कर्तव्य बोध जन जन में
टूटे व्यर्थ अहं की कारा।
विषय मोह की काट बेड़ियाँ
जीवन पथ आलोकित कर दे।
माँ!
शक्ति हमें दे
भक्ति हमें दे
चरणों में आसक्ति हमें दे।
माँ!
मुझमें इतनी शक्ति नहीं माँ
तेरी महिमा मैं गा पाऊँ
मैं अज्ञानी बालक तेरा
सच्चे मन से शीश नवाऊँ।
कर पाऊँ मैं तेरे दर्शन
ऐसी अद्भुत दृष्टि हमें दे।
माँ!
शक्ति हमें दे
भक्ति हमें दे
चरणों में आसक्ति हमें दे।
माँ!
- अनुराग तिवारी
१५ अक्तूबर २०१५ |